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वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता में पदोन्नति के लिए योग्यता के साथ वरिष्ठता का ध्यान रखा जाए - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

शिवगंज - राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा व निदेशक सौरभ स्वामी को ज्ञापन भेजकर वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद पर पदोन्नति में योग्यता व वरिष्ठता का पुरा ध्यान रखने की मांग की है।
संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र गहलोत ने बताया है कि वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद पर हो रही पदोन्नति में सन 2012-13 में सीधी प्रति से चयनित वरिष्ठ अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है क्योंकि सन 2011-12 में वरिष्ठ अध्यापकों की व्याख्याता पद पर पदोन्नति मेरिट से की गई थी लेकिन विभाग ने सन 2012-13 मे इस नियम को बदलकर पदोन्नति आरपीएससी अभ्यर्थना से की है जिससे पदोन्नति में गड़बड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सन 2012-13 में चयनित हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को 2 सितंबर 2012 में नियुक्ति मिल गई लेकिन सामाजिक और गणित के वरिष्ठ अध्यापकों को जनवरी 2013 में नियुक्ति मिली। लेकिन हाल मे जारी पात्रता सूची में नाम है रिप्लाई कार्यक्रम का ध्यान रखा गया है जिसके कारण पहले कार्य ग्राम एवं राज्य मे नंबर 1 मेरिट वाला भी तीन विषय में पूरे राज्य के टॉप अभ्यार्थी को सीनियर होते हुए भी उसको जूनियर बना दिया है जिससे राज्य के शिक्षकों में पदोन्नति को लेकर भारी रोष को देखते हुए संगठन ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम लाल आमेटा, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा, संरक्षक मंडल गिरीश कुमार शर्मा, श्रीभगवान शर्मा के निर्देशानुसार अविलंब डीपीसी प्रक्रिया में राज्य सरकार को दखल देकर न्याय करने की पुरजोर शब्दों में मांग की है।

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