शिक्षा

निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम मे सालाना आय ढाई लाख करने का कदम स्वागत योग्य : गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

शिवगंज - राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रदेश में गैर सरकारी विद्यालयों में 25% सीटों पर निःशुल्क प्रवेश के लिए अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा ₹ 1 लाख के स्थान पर ढाई लाख रुपए करने पर संगठन ने फैसले का इसे स्वागत योग्य कदम बताया।

वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र गहलोत ने बताया कि इस निर्णय से अब राज्य में बड़ी संख्या में इस वर्ग के बच्चे भी नामी निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा के अधिकार के तहत निःशुल्क प्रवेश पा सकेंगे। तत्कालीन सरकार ने अभिभावकों की आय सीमा ढाई लाख रुपए सालाना से घटाकर ₹1लाख करने के कारण कई बच्चे प्रवेश से वंचित हो गए व राज्य में निःशुल्क प्रवेश का आंकड़ा भी निरंतर गिर रहा था।

गहलोत ने बताया कि तत्कालीन गहलोत सरकार के समय प्रारंभ निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम राजस्थान में 2010 में निःशुल्क प्रवेश प्रारंभ हुआ जिस समय निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू हुआ उस समय वर्तमान गहलोत सरकार ने ही अभिभावकों की सालाना आय ढाई लाख रुपए की गई। लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि तत्कालीन सरकार ने सालाना आय ढाई लाख से घटाकर 1लाख करने से राज्य में निःशुल्क प्रवेश 25% निजी विद्यालयों में बहुत कम आंका गया जिससे कई गरीब कमजोर वर्ग के अभिभावकों को निजी विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश में कमी आई। राज्य की वर्तमान गहलोत सरकार द्वारा पुनः एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए करने से राज्य में निःशुल्क प्रवेश से गरीब तबके को जबरदस्त लाभ मिल सकेगा। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक निजी विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश मिल सकेगा। सरकार के इस फैसले से संगठन ने खुशी जताते कमजोर वर्ग के हित में सराहनीय एवं शिक्षा को बढ़ावा देने वाला फैसला साबित होगा।

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