विधायक लोढा ने सीएम गहलोत से किया वीडियो कॉन्फ्रेंस में संवाद,प्रवासी जन ओर लोकडाउन पर की चर्चा।
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
सीएम ने लोढ़ा से का वेरीगुड
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही, विधायक संयम लोढा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ली जा रही प्रेस कांफ्रेंस में कहां कि जिस क्षेत्र में भी कोरोना पाॅजीटिव रोगी पाया जाता है उसके चारो तरफ तीन किलोमीटर के क्षेत्रों को सील करना और कफ्यू लगाना व्यवहारिक नही है। हर जिले की परिस्थिति के अनुसार कितने क्षेत्रों को सील करना है इसका निर्णय जिला स्तर पर होना चाहिए, स्टेट गाईडलाईन के मुताबिक नही। सरकार के पास इतना कार्यबल नही है कि हर कोराना पाॅजीटिव मरीज के चारो तरफ के तीन किलोमीटर क्षेत्र में कफ्यू व सिलिंग को व्यवहारिक एवं प्रभावी बना सके।
लोढा ने कहां कि अन्य राज्यों से नागरिकों का आना व जाने का कार्य सही चल रहा था लेकिन भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला के तीन मई के आदेष से परेषानियां उत्पन्न हुई है। इस आदेष में भल्ला ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय के 29 अप्रैल व 1 मई के आदेष को स्पष्ट करते हुए कहां कि सिर्फ रास्ते में फंसे लोगो को ही आने की अनुमति प्रदान की जाए। उन लोगो को आने की अनुमति नही प्रदान की जाए जो कुछ सालो से अन्य प्रदेषों में रह रहे है। लोढा ने कहां कि उपखंड अधिकारी 3 मई तक निजी वाहन लेकर अन्य राज्यों में आने व जाने की अनुमति प्रदान कर रहे थे लेकिन भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला के तीन मई के आदेष के बाद उन्होने हाथ खडे कर दिये। हमने उपखंड अधिकारी से पूछा तो उन्होंने गृह मंत्रालय से जारी आदेष की प्रति हमे भेज दी और कहां कि अन्य राज्यों से आने व जाने की अनुमति जारी नही करेगे।
विधायक ने लोढा कहां कि यह सुनिष्चित किया जाए कि उपखंड अधिकारी निजी वाहनो से अन्य राज्यों से आने जाने की अनुमति प्रदान कर सके।
लोढा ने गहलोत से कहां कि यदि प्रधानमंत्री से विडियो कांफ्रेंस पर बात हो तो उनसे कहिये की रेड जोन के अलावा क्षेत्रों में 17 मई के बाद लाॅक डाउन नही रखे। लोढा ने राज्य सरकार द्वारा महानरेगा उपलब्ध कराए गए रोजगार की सराहना की लेकिन कहां कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में 10 से ज्यादा महानरेगा कार्य स्वीकृत होने चाहिए। अभी कई कार्यो पर 200-200 मजदूर एक साथ काम पर जा रहे है जिससे सोषयल डिस्टेंसिंग की पालना करने में परेषानी आ रही है, किसी भी काम पर 50 से ज्यादा मजदूर नही लगने चाहिए। लोढा ने महानरेगा का कार्य 1 बजे से घटाकर साढे 11 बजे से करने का आग्रह किया जिससे श्रमिक सवेरे का भोजन घर जाकर करे। भोजन के समय श्रमिको को एक साथ एकत्रित होने की आदत है।
वास्तविक लाभाविंतो का सर्वे करवाया जाए। लोढा
लोढा ने कहां कि स्टेट बीपीएल, सेंटल बीपीएल एवं अंत्योदय की सूची के उन परिवारों का उन्होंने जिला कलक्टर के माध्यम से सर्वे करवाया है जिनके परिवार को पेंशन नही मिलती है एवं अनुग्रह सहायता भी नही मिली है। अकेले षिवगंज तहसील में ऐेसे 400 परिवारों के नाम सामने आये है जिन्हें अनुग्रह सहायता सूची में होने के बाद भी अनुग्रह सहायता नही मिली है। यह स्थिति मेरे जिले की तो है ही पूरे राज्य में भी है। अतः वास्तविक लाभाविंतो का सर्वे करवाया जाए। लोढा ने कहां कि ऐसे सैकडो परिवार है जिनका गरीब होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभांवितो की सूची में नाम नही है अतः राज्य सरकार भारत सरकार से बातचीत करके यह तय करे कि जो भी आयकर दाता की सूची में नही है और निःषुल्क गेहूं प्राप्त करने के ईच्छुक है उन्हें राषन कार्ड के आधार पर निःषुल्क गेहूं उपलब्ध कराया जाए जिससे नागरिको की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखी जा सके।
लोढा ने गहलोत से कहां कि यदि भारत सरकार द्वारा 17 मई के बाद लाॅक डाउन समाप्त किया जाता है तो जून माह में राज्य विधानसभा का विषेष सत्र कोविड 19 पर चर्चा के लिए बुलाया जाए जिससे पूरे राज्य के जनप्रतिनिधि सरकार को वस्तुस्थिति बता सके और कोरोना का मुकाबला करने में सहयोग, सहायता व सुझाव मिल सके।
लोढा ने गहलोत को यह भी सुझाव दिया कि विधायक कोष वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 को कोविड 19 एवं चिकित्सा क्षेत्र को समर्पित किया गया है लेकिन कुछ माह के लिए खाद्य सामग्री किट की सुविधा विधायक कोष के अंतर्गत जारी रखी जाए जिससे गरीबों को अच्छा भोजन उपलब्ध हो सके एवं उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सके।
गहलोत ने लोढा का उद्बोधन समाप्त होने पर कहां वेरीगुड।