कोरोनावायरस

सूरत से मावल बॉर्डर पर 3172 ओर मंडार चेक पोस्ट पर 830 प्रवासियो का उमड़ा सैलाब

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सोसल डिस्टेंसिंग की उड़ती रही धज्जिया, संक्रमण के खतरे से जिले की जनता दहशत में

रिपोर्ट हरीश दवे

प्रवासियों का वतन लौटने का सिलसिला जारी

अनेक प्रवासी बिना स्क्रेनिंग करवाए घर पहुंचे

सिरोही कोरोना वायरस के महाप्रकोप में विगत एक माह से ज्यादा अंतराल में घरों में लोक डाउन प्रवासी ओर सरकारी कैम्पो में रह रहे मजदूर ओर प्रवासी शुक्रवार को मावल बॉर्डर पर 3172 ओर मंडार चेक पोस्ट पर करीब 900 जन पहुचे।जहाँ जिला प्रशाषन ने अपनी तय व्यवस्थाओं में इनके नाम पते, मोबाइल नम्बर लेकर स्क्रीनिंग की ओर राजस्थान सीमा में प्रवेश दिया। जिला मुख्यालय पर भी निजी ट्रैवलर्स की तीन बसों से प्रवासी अनादरा चौराहा पहुचे जहाँ बस ने उन्हें उतार दिया जिसमें बच्चे, बूढ़े, जवान परिवार सभी थे उंन्हे अपने गंतव्य पे जाने में भारी असुविधा हुई। कोई पैदल निकला तो किसी का परिजन वाहनों में लेने आया पर उनके गंतव्य तक जाने में न जिला प्रशाषन की व्यवस्था थी न प्रवासी हितों का दम्भ भरने वाले राजनेताओं की गुजरात राजस्थान बॉर्डर से प्रवासियों के घर जाने तक सोसल डिस्टेंसिंग की धज्जियां इस लिए उड़ती रही कियु की प्रवासियों के आगमन सैलाब के दौरान व्यवस्थाएं नाकाफी थी।

सिरोही अनादरा चौराहे पहुचने के बाद सूरत से 38 प्रवासी निजी ट्रेवल्स की बस से शुक्रवार को जावाल पहुंचे। जिनका मावल चेक पोस्ट पर पहुंचते ही स्क्रेनिंग हुआ था। जिसमें सिरोही तहसील में 20 जावाल, 10 नवारा, 6 बरलूट व 2 तंवरी गाँव के ग्रामीण थे। इन प्रवासीयों में सें जावाल के सभी 20 प्रवासियों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जावाल में खुद का स्क्रेनिंग करवा कर अपने घर पहुंचे। लेकिन नवारा, बरलुट, तंवरी के रहने वाले इन प्रवासियों ने जावाल हॉस्पिटल में स्क्रेनिंग करवाना मुनासिब नहीं समझा और सीधे अपने घर चले गए। जिससे कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने में बड़ी चूक हो सकती है।

जिला प्रशासन की सजगता व सतर्कता से जिला सुरक्षित है

हालांकि जिला प्रशासन की सजगता व सतर्कता से अभी तक जिला सुरक्षित है लेकिन छोटी सी चूक से संक्रमण होने से नकारा नहीं जा सकता तथा जिला प्रशासन की मेहनत पर पानी फिरने की आशंका बनी हुई है।

कोरोना में भी राजनीति की रोटी सेंकने में बाज नही आ रहें है नेता

मावल के चेक पोस्ट पर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अंतर्गत सोशल डिस्टेंसिंग का इन नेताओं ने नियम कानून को धत्ता बताते हुये प्रवासियों के साथ फोटो खींचकर स्वागत का स्वांग रचते हैं जैसे उनके खर्चे से प्रवासियों को अपने वतन में लाया जा रहा है लेकिन पर्दे के पीछे कई समाज सेवी संस्थान से जुड़े राजनेता बिना प्रचार प्रसार कर भोजन पैकेट देकर मानवीय सेवा का लाभ ले रहे। ये नेता स्वागत करने के लिए मावल चेक पोस्ट पहुंचते हैं तो उनकी जिम्मेदारी बनती है कि उन पर प्रवासियों को जावाल उतरते ही हॉस्पिटल में स्क्रेनिंग करवाते तथा उन्हें अपने घर तक पहुंचाने में मदद की जिम्मेदारी निभाते लेकिन ग्रामीण क्षेत्र नवारा, बरलूट, तंवरी के प्रवासी बंधु बिना स्क्रेनिंग करवाएं अपने घर जाने के लिए वाहन के लिए परिवार के साथ बिना मास्क लगाए कस्बे के बस स्टेण्ड, हरजी चौराये व मुख्य सड़क पर इधर-उधर घूमते व बैठे करते नजर आए।

सोशल डिस्टेंसींग की खुले आम उड़ रही है धज्जीया

क्या गरीबो पर ही लागू होता है कानून?

मावल चेक पोस्ट पर सरकार द्वारा गाइडलाइन को लेकर स्क्रेनींग का इन नेताओं ने देश के संविधान में बने नियम कानून को धत्ता बताते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आयें और वोट बैंक की राजनीति का खेल करते हुए वायरल कर बड़े सेवाभावी बनने का श्रेय लेने में प्रयासरत दिखाई दिये लेकिन जनता इस दुःख की घड़ी में सब कुछ समझती है। जब इन नेताओं ने रेडजोन सुरत से आने वाले प्रवासियों के साथ सोशल डिस्टेंसींग की घज्जीया उड़ाते हुए फोटो खिंचवा कर अपने वोट बैंक की राजनीति की रोटी सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। बेशर्मी की भी हद होती है। ग्रामीणों मे आम चर्चा है कि क्या जिला प्रशासन कानून का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कोविड 19 के तहत कार्रवाई के साथ क्वारेंनटाइन करेगी ? जिससे संक्रमणता की आशंका से आमजन के मन में व्याप्त भय को लेकर राहत मिलेगी।

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