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सिरोही नगर परिषद की सड़कों पे कोंन पनपाता है अतिक्रमणो का साम्राज्य?

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

कौन है इसका जिम्मेदार

सोसल डिस्टेंसिंग की अवमानना की सड़कों से होती शुरुआत।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही गत नगर परिषद चुनावो में भाजपा के तीन दशक पुराने बोर्ड को ध्वस्त कर कोंग्रेस के जंगी बहुमत वाले बोर्ड का आगमन हुआ तो जनता में उम्मीद जगी की अब नगर परिषद क्षेत्र की जनता के भाग्य फिरेंगे ओर आम जन की सुविधाओं और नागरिक अधिकारों में बहाली होगी। इसी दरम्यान पूरा विश्व कोराना वायरस की चपेट में आया तो केंद्र सरकार के लोक डाउन के चलते जिला सिरोही के भी बाजारों में तालाबंदी हुई। पर सरकारी लोकडाउन निर्देशो के बावजूद मुख्य बाजारों से अस्थायी अतिक्रमण नही हटे ओर पुलिस की सख्त चेतावनी के बावजूद चलती फिरती लोरिया अंगद के पाव की तरह जमी रही जहाँ दिन भर सोसल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडती रहती है।

सरकार और प्रशासन का कोई कानून इनपे लागू नही होता है।नगर परिषद क्षेत्र के प्रमुख पैलेस रोड में सौन्दर्यीकर्ण के नाम डामर पे डामर ओर नए फुटपाथ बनाने के नाम नगर परिषद ने जम कर ढिंढोरा पीटा लेकिन सामान्य राजकीय चिकित्सालय व जनाना चिकित्सलाय ,कोलेज ओल्ड बिल्डिंग के बाहर नव निर्मित फुटपाथ को बना नगर परिषद ने एलान किया कि आम जनता के आवागमन की सुविधा के लिए फुट पाथ बनाये है और किसी भी तरह का अस्थायी अतिक्रमण यहां पनपने नही दिया जाएगा।पर नगर परिषद के कर्मचारी तहेबाजारों के नाम हाथ लोरी खोमचों से मामूली रसीद ओर सुविधा शुल्क लेके पूरे फुटपाथ को ही जैसे परिषद बाजार बना देते है।

नगर परिषद जनता की सुविधा के लिए सड़क पे सफेद लाइन भी खिंचती है कि कोई भी लाइन से बाहर न तो अतिक्रमण करेगा न वाहन पार्किंग करेगा।लेकिन लोक डाउन से पहले के नजारे लोक डाउन के दौरान भी नही हटे।जिससे आम जन को आवागमन में होने वाली कठिनाइयों के समाधान में कोंग्रेस के बोर्ड को कोई दिलचस्पी नही है। पैलेस रोड जनाना हॉस्पिटल के सामने रोड के दोनों और जो फुटपाथ बनाया है वह क्या पब्लिक के चलने के लिए है या टैक्सी स्टैंड एवं ऑटो स्टैंड के लिए है वहां पर 24 घंटा प्राइवेट टैक्सी या एंबुलेंस एवं ऑटो खड़े रहते हैं ओर पब्लिक न्यूसेंस भी यहां होता है।अब 3 मई को लोकडाउन खुलने की धूमिल आकांक्षा में अगर लोक डाउन खुलता है तो क्या सिरोही नगर परिषद प्रशासन आम जनता की आवागमन में सुगमता सुचारू रूप से व्यवस्थित चलने फिरने में अस्थायी अतिक्रमणो की मुश्क कसेगी या सोसल डिस्टेंसिंग तोड़ने के सबब अस्थाई अतिक्रमणो से सुविधा शुल्क के चलते जारी रखेगी।

पैलेस रोड पर आम जनता तपती धूप में सड़क पर चलती है एवं टैक्सी एंबुलेंस ऑटो फुटपाथ पर खड़े रहते हैं कल को कोई हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।यहां पर ट्रैफिक डिपार्टमेंट का सिपाही तो कभी खड़ा ही नही रहता न नगर परिषद ओर यातायात पुलिस के सँयुक्त प्रयासों से जन हित मे यहां कोई कार्रवाई होती।।मोडिफाई लोक डाउन में जहां सरकार का स्पस्ट आदेश है कि दुकानदार अपनी दुकानें मुख्य बाजारों को छोड़ गली मोहल्लों में खोल सकते है और सब्जी की लोरिया भी गली मोहल्लों में अपनी सब्जियां बेचे लेकिन सदर बाजार और अन्य स्थानों पे लोरिया भी सट के खड़ी है मुख्य बाजार में प्याज लहसुन अनाज के ट्रेक्टर भी अपना बिजनेस चला रहे है जिन्होंने मास्क नही पहिनने ओर सोसल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने की ठान रखी है।

नगर की जनता का सवाल उठाती है कि हम बिना मास्क के निकले तो पुलिस के डंडे ओर नगर परिषद प्रशाषन कार्रवाई करती है।पर नगर की सड़कों,ओर फुटपाथ पर अनाधिकृत व्यवसाईयिक गतिविधियों में लोकडाउन नियमो ओर कायदों की धज्जियां उड़ाने वालो पर कारवाई कोंन करेगा।नगर परिषद जनता का धन विकास के नाम सड़क और फुटपाथ बनाने के लिए करती है पर इसका उपयोग अस्थाई अतिक्रमण कारी नगर परिषद ओर यातायात पुलिस की शह अथवा राजनीतिक सरंक्षण में करते है।और जिला प्रशाषन ने भी बरसो से सिरोहो नगर परिषद क्षेत्र में आम जन के नागरिक अधिकारों के हनन में चुप्पी क्यों साध रखी है यह प्रश्न आम जन के मन मे रह रह के उठता है अब जनता जाए तो जाय कहा???

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