कोरोनावायरस

आईजी, कलेक्टर व एसपी ने गुजरात सीमा का दौरा कर देखी व्यवस्थाएं

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

प्रवासियों को लाने में किये चौकस प्रबन्ध।।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही। राजस्थान सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र दक्षिण भारत आदि प्रान्तों में फंसे प्रवासियों को प्रदेश में लाने की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है, लेकिन इसके लिए ऐसे व्यक्ति को इस राज्य की अनुमति भी लेनी होगी जिस राज्य से वो राजस्थान में आना चाहते हैं।प्रवासियों को लाने की व्यवस्था के तहत आईजी जोधपुर रेंज नवज्योति गोगोई जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद, एसपी कल्याणमल मीणा में मावल ओर मंडार गुजरात सीमा व चेक पोस्ट पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा रोडवेज,यातायात व अन्य सरकारी महकमो के प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने बताया कि राजस्थान सरकार ने राजस्थान प्रदेश के प्रवासियों को राजस्थान में लाने के लिए जो आदेश जारी किए थे उसके अनुसार जिला प्रशाषन ने तैयारी कर ली है। मावल एंट्री चेक पोस्ट से इन्हें एंट्री दी जाएगी। यहां पर उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी।

कोई संदिग्ध कोरोना पेशेंट लगेगा तो उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा जितने भी लोग राजस्थान में आएंगे उन्हें होम कोरेण्टाइन में रहना होगा। उन्होंने बताया कि जिस भी प्रवासी के पास सम्बंधित राज्य की अनुमति होगी उसे राज्य में प्रवेश दे दिया जाएगा।तथा राजस्थान में फंसे अन्य राज्यों के प्रवासियों और अन्य राज्यों में फंसे राजस्थान के प्रवासियों को सबसे पहले अपने मोबाइल में राजकोविडइन्फो एप डाउनलोड करना होगा। इसे डाऊनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन करना होगा। इससे राज्य के बाहर और राजस्थान प्रवासियों व्यक्ति की जीपीएस लोकेशन राज्य स्तरीय सर्वर पर आ जायेगी।

इसके बाद उसे इस एप में उपलब्ध ऑनलाइन फॉर्म को भरना होगा। इस फॉर्म को सबमिट करते है प्रवासी की सम्पूर्ण सूचना राज्यस्तरीय सर्वर पर आ जायेगी। इस सर्वर का लिंक हर जिले और ब्लॉक स्तर पर है जिससे सम्बंधित जिला प्रशासन उस आवेदन को देख सकेंगे। जीपीएस लोकेशन से राज्य सरकार आवेदक प्रवासी की लोकेशन पर नजर रखेगी की वो कहाँ पर है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिस भी व्यक्ति के पास सम्बंधित राज्य की अनुमति और उसने ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है उसे चेक पोस्ट से राज्य।में ले लिया जाएगा। इसके सम्बंधित गांव शहर तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था राज्य सरकार कर रही है।

उन्होंने बताया कि जिस राज्य में प्रवासी रह रहा है, वहां के प्रशासन से राजस्थान में आने के लिए अनुमति लेने के लिए अपनाइ जाने वाली प्रक्रिया राज्य स्तर का मामला है। आवेदन के ऑनलाइन होने कब बाद राज्य सरकार इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाएगी ये राज्य स्तरीय प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन हमने आज ही प्रवासियों को राज्य में लाने के लिए मिली गाइडलाइन के तहत तैयारियां कर ली है।तथा प्रवासियों के राज्य में आने और राज्य से बाहर भेजने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए आवेदक का जीपीएस लोकेशन के माध्यम से आवेदक की पोजिशन की पूरी जानकारी मिलती रहेगी। जीपीएस ओर रखने का एक मकसद ये भी हो सकता है कि आवेदक अन्य राज्यों के हॉटस्पॉट या कंटेन्मेंट जोन का रहवासी तो नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा कोविड 19 के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल की पालना को ध्यान में रखा जा सकता है, जिससे जिस जिले या गांव में प्रवासी जा रहा है वहां संक्रमण की आशंका नहीं रहे।

जिला प्रशाषन ने प्रवासियों को लाने के शुरुआती चरण में गुजरात के कोरेण्टाइन सेंटरों में कोरेण्टाइन पूरा कर चुके प्रवासियों को वहां की सरकार बसों से राजस्थान बॉर्डर पर छोड़ेगी। बॉर्डर पर ही राजस्थान सरकार द्वारा बसे खड़ी की जाएंगी जो इन प्रवासियों को उनके गंतव्य तक लेकर जाएंगी जिसके लिए जिलेवार काउंटर बनाये गए है जहां उनकी स्क्रीनिंग होगी।जिला कलेक्टर ने गुजरात के अमीर गढ़ बॉर्डर पर एसपी कल्याणमल मीणा, बनासकाठा एसपी तरुण दुग्गल,एसडीएम डॉ रविन्द्र गोस्वामी,पुलिस उपाधीक्षक प्रवीण कुमार,तहसीलदार दिनेश आचार्य,थानाधिकारी रानसिंह सोढा डीटीओ आबूरोड,जिला परिवहन अधिकारी से व्यवस्थाओं पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।तथा उम्मेद स्कूल परिसर में दानवीर भामाशाहो से प्रवासियों के भोजन पानी और व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की।

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