अर्बुदा गोशाला में हरे व सूखे चारे की व्यवस्था में गोभक्त निरन्तर कर रहे व्यवस्था
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
शहर में भूखा प्यासा भटक रहे बेसहारा गोवंश का नगर परिषद के पास नही निदान ।।
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही नगर की अर्बुदा गोशाला पल रहे आठसो के करीब गोवंश के लिए कोराना काल मे लगातार दानदाता भामाशाहो के सहयोग से सूखे और हरे चारे की निरन्तर व्यवस्था हो रही है।और जस तस चल रही गोशाला में तपती धूप में रंभाता गोवंश जब हरे चारे का ट्रेक्टर आते देखता है तो लगता है कि गोवंश को जैसे संजीवनी मिल गई।कभी अंग्रेजी दासता काल मे जेल रह चुकी अर्बुदा गोशाला में गोवंश के लिए पर्याप्त छाया के लिए टिन शेड की व्यवस्था नही है।और पीने का पानी भी गरम हो जाता है पर मुक गोवंश अपना दर्द बयां नही कर सकता।पर लगता है कि आने वाले दिनों में जिला कलेक्टर का हस्तक्षेप रहा और विधायक सयंम लोढा द्वारा पारित करवाई अनुदान राशि का योजनागत तरीके विकास में व्यय हुआ तो गोशाला में गोवंश के भाग्य सुधर सकते है।
गोशाला में नियमित पशु चिकित्सक ओर कम्पाउंडर की सेवा उपलब्ध है।अर्बुदा गॉशाला में श्री खोबावीर भगवान मंदिर सेवा समिति ,सिरोही द्वारा मंदिर पुजारी छगन लाल माली के मार्गदर्शन में एक ट्रैक्टर सूखा चारा मूक ,बधिर, बेसहारा गायों को डाला गया।
समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि भविष्य में भी इसी प्रकार के सेवा कार्य खोबावीर भगवान मंदिर,सिरोही द्वारा किये जाते रहेंगे। इस अवसर पर अर्बुदा गौ शाला में श्री खोबावीर भगवान मंदिर, सिरोही के भक्तगण विशाल पँवार, गोविंद खारवाल, हरिओम दत्ता, भरत माली, खीमाराम धुडिया इत्यादि उपस्थित थे।
इसी तरह भारत विकास परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह, राजेन्द्र सिंह नरुका व सब्जी विक्रेता,फ्रूट व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष राजेश गुलाब वाणी ने भी दो दो ट्रेक्टर हरा चारा कार्यकर्ताओ के साथगोशाला में गायो को खिलाया।सब्जी फ्रूट महासंघ के अध्यक्ष गुलाब वाणी ने कहा कि सात दिन तक नित रोज एक ट्रैक्टर डलवाने की बात कही।
उधर सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में विभिन्न गोशालाओं के छोड़े हुए नन्दी गली मोहल्लों ओर बाजारों में स्वच्छन्द विचरण आहार की तलाश में भटकते रहते है।जीवदया प्रेमी उंन्हे भी हरा चारा खिलाते है पर एक दशक पुर्व लोक अदालत के निर्णय की पालना जिला प्रशासन ओर नगर परिषद प्रशासन अब तक नही करवा पाया न सिरोही नगर परिषद के पास स्वयं की भूमि कानजी हाउस के लिए है न अन्य गोशालाओं में भटकते गोवंश को सरंक्षण संवर्धन के लिए भेजा जाता है।और अर्बुदा गोशाला का काम चलाऊ प्रबंधन और सिरोही नगर परिषद प्रशासन भी इस भटकते गोवंश को उचित स्थान में सरंक्षण देने में नाकारा साबित हो रहा है अब मूक गोवंश अपनी विपदा किससे कहे?यह सवाल जिला मुख्यालय पर गहराता जा रहा है।